Sunday 30 September 2018

जब गोल मशीन की किडनैपिंग पड़ी बार्सिलोना पर भारी, गंवाया टाइटल जीतने का मौका

1 मार्च 1981, बार्सिलोना के लिए खेलने वाला स्पैनिश ला लीगा का टॉप गोलस्कोरर अपनी बीवी और बच्चों को लेने के लिए एयरपोर्ट जा रहा था। रास्ते में उसने अपनी गाड़ी पेट्रोल पंप पर रोकी और कुछ देर से उसका पीछा कर रही M9955AX नंबर की वैन झटके के साथ रुक गई। वैन रुकते ही दो लोग बाहर आए। एडुआर्डो और फर्नान्डो नाम के दोनों युवक धीरे-धीरे आगे बढ़े और फुटबॉलर की तरफ जंग लगी हुई कोल्ट 45 तानकर बोले- 'मुंह से एक भी शब्द मत निकालना, अंदर चलो।'

एडुआर्डो और फर्नान्डो उस फुटबॉलर के साथ उसकी गाड़ी में बैठे और अगले ही पल गन फुटबॉलर के गले पर थी।गाड़ी आगे बढ़ी और कुछ दूर जाकर तीनों उस फुटबॉलर की फोर्ड ग्रैनाडा से उतरकर पीछे चल रही वैन में बैठ गए। अगले दिन पुलिस को उस फुटबॉलर का कार लावारिस पड़ी मिली जिसके दोनों दरवाजे खुले थे। स्पेन के शहर ज़रगोज़ा ले जाकर उस फुटबॉलर को लगभग डेढ़ मीटर के एक तहखाने में छिपा दिया गया।

25 दिन तक यह फुटबॉलर उनकी कैद में रहा। इस किडनैपिंग में कुल तीन लोग शामिल थे और तीनों ही उस फुटबॉलर से ज्यादा डरे हुए थे। उन्होंने पहली बार ऐसा कोई अपराध किया था और उन्हें समझ ही नहीं आ रहा था कि क्या करें। बिना परफेक्ट प्लान के की गई उनकी किडनैपिंग तो सफल हो गई लेकिन अब आगे का क्या करना है ये उन्हें पता ही नहीं था।

यहां तक कि वह यह भी नहीं तय कर पा रहे थे कि फिरौती कितनी मांगनी है, कहां मंगानी है, किसके जरिए मंगानी है और कौन रिसीव करने जाएगा। उन 'बेचारों' के पास ना तो क्लब के किसी ऑफिशियल का नंबर था ना ही उस फुटबॉलर के किसी करीबी का। अंततः परेशान होकर फुटबॉलर ने ही उन्हें अपनी बीवी का नंबर देकर फिरौती मांगने के लिए कहा।

Kini

ऐसी ही एक कॉल के दौरान उन्होंने 10 मिलियन की मांग की और फोन के इस तरफ मौजूद व्यक्ति को भरोसा नहीं हुआ उसने पूछा-

एक्सक्यूज मी, क्या आपने 100 मिलियन कहा?
फोन पर जवाब आया, ओह! हां, 100 मिलियन, सही कहा। Erm, ओके, आपने हमारे लिए कितना तैयार किया है? 
जवाब मिला, 100 मिलियन।
फिर किडनैपर्स ने कहा- ठीक है, 100 मिलियन मैं यही कहना चाहता था।

बार्सिलोना ने पैसों का इंतजाम किया और फिर डरते-डरते तमाम प्लान बदलने के बाद वे बार्सिलोना के कैप्टन अलेक्सांको के हाथों पैसे लेने के लिए तैयार हुए। डर का आलम यह था कि उन्होंने अलेक्सांको को बार्सिलोना से जिरोना और फिर वहां से फ्रेंच बॉर्डर तक बेवजह टहला दिया। हालात यह थे कि अलेक्सांको की सुरक्षा में चल रही पुलिस ने उन्हें यह कहकर बॉर्डर पार करने से रोका कि उनके पास जरूरी पेपर्स नहीं हैं वर्ना वे फ्रांस चले जाते

किडनैपर्स बीच-बीच में लोगों को धमकी देते और इधर उनमें से एक इस फुटबॉलर से कहता, 'मैं बार्सिलोना फैन हूं यार।' 25 दिनों में एक वक्त ऐसा भी आया जब उन्होंने इस बात की शिकायत की कि उस फुटबॉलर को अपनी कैद में रखना उन पर (महंगे सैंडविच के रूप में) भारी पड़ रहा है जिसपर फुटबॉलर की बीवी मारिया नीवेस ने जवाब दिया, 'तुमने एक स्पोर्ट्समैन को किडनैप किया है यार, अगली बार एक हरे कृष्णा (हरे कृष्णा समूह के किसी व्यक्ति को) को करना।'

जितने दिन यह फुटबॉलर कैद में रहा उन दिनों में बार्सिलोना एक भी मैच नहीं जीती और इसके चलते क्लब उस सीजन ला लीगा और कोपा डेल रे का डबल पूरा करने से चूक गया।

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फाइनली पुलिस को उस जगह का पता चला और जब हथियारों से लैस पुलिस ने उस जगह खड़ी वैन के दरवाजे पर लात मारी तो पुलिसवाले का पैर उसी में अटक गया और उसके जूतों ने वैन में पक रहे अंडे फोड़ दिए। वैन में बैठे किडनैपर ने सर पर तनी बंदूक देखकर तुरंत ही सब उगल दिया और इस तरह किडनैपर्स की कैद से छूटे एनरीके कास्त्रो उर्फ किनी जो ला लीगा के इतिहास में सबसे ज्यादा गोल्स दागने वालों की लिस्ट में आठवें नंबर पर हैं।

बाद में कोर्ट ने किनी के किडनैपर्स को 10 साल की सजा और पांच मिलियन के जुर्माने की सजा सुनाई। हालांकि किनी इस सजा से दुखी थे, उन्होंने कहा था, 'यह इतना भी बुरा नहीं था, अगर आपको पता हो कि कैसे सही पोजिशन में मूव करते हैं। एक दिन उन्होंने मुझे मार्का (मशहूर स्पैनिश अखबार) की कॉपी लाकर दी थी जिससे मैं फुटबॉल रिजल्ट देख सकूं बाद में उन्होंने मुझे टीवी और बाकी सुविधाएं भी दी।

एक शतरंज सेट भी दिया। मैं अकेले खेलता था और मुझे अकेले खेलना पसंद है। मेरे किडनैपर्स अच्छे लोग थे जिन्होंने मुझे कोई नुकसान नहीं पहुंचाया। मैंने उन्हें माफ कर दिया।'

Quini PC: Social Media

किनी का बीती 28 फरवरी 2018 को ही देहांत हुआ है। किनी ने स्पैनिश टॉप फ्लाइट में सीजन के हाईएस्ट गोलस्कोरर को मिलने वाली पिचिची ट्रॉफी को सात बार अपने नाम किया था जिसमें से पांच बार यह ट्रॉफी उन्होंने ला लीगा में जीती थी। किनी ने स्पैनिश टॉप फ्लाइट में 448 मैचों में 219 गोल्स दागे थे।

22 अगस्त 2004, जब मेरे खिलाफ लोगों में भरी सारी घृणा प्यार और स्नेह में बदल गईः इब्राहिमोविच

साल 2004, अगस्त का महीना था और कुछ सीजन पहले रेकॉर्ड ट्रांसफर पर स्वीडिश क्लब माल्मो से नीदरलैंड्स के क्लब अयैक्स आया यंग स्ट्राइकर ज़्लाटन इब्राहिमोविच अब फैंस को पसंद नहीं था। दरअसल उस वक्त तक इटैलियन क्लब युवेंटस और अयैक्स इस स्ट्राइकर के पॉसिबल ट्रांसफर पर चर्चा कर रहे थे।

इसके साथ ही कुछ दिनों पहले हुए स्वीडन और नीदरलैंड्स के बीच हुए इंटरनैशनल मैच में इब्रा के टैकल से अयैक्स के उस दौर के यंग कैप्टन रफैल वान डर वार्ट को गंभीर चोट आई थी। उस दौर में वार्ट के दीवाने और इब्रा से पहले से नाखुश फैंस के गुस्से को इस टैकल ने मानों हवा दे दी।

Swedish striker Zlatan Ibrahimovic (Ajax

माहौल गर्म था और 22 अगस्त 2004 को अयैक्स के सामने थी NAC ब्रेडा की टीम। PSV से पॉइंट टेबल में पीछे चल रहे अयैक्स के लिए यह मैच जीतना जरूरी था। ऐसे हालात में मैनेजर रोनाल्ड कोमैन ने इब्रा को स्ट्राइकर उतारा।

मैदान पर उतर रहे इब्रा को उसी के फैंस गालियां दे रहे थे। माहौल इतना खराब था कि बकौल ज्लाटन, 'जब मैं ब्रेडा के खिलाफ पिच पर उतरा तो अयैक्स के फैंस ने मेरा मजाक उड़ाना और गालियां देनी शुरू कर दी क्योंकि वे वान डर वार्ट को सपोर्ट करते थे। वह चोटिल था और खेल नहीं सकता था। मैं खेला, दो गोल और चार असिस्ट किए। यह मेरा तरीका था उन्हें शांत करने का।'

AFC Ajax's forward Swedish Zlatan Ibrahi

(तस्वीरः अयैक्स के उस दौर के कैप्टन रफैल वान डर वार्ट (बीच में) के साथ ज़्लाटन)

दरअसल मैच के 11वें मिनट में यूरी कॉर्नेलिसे के गोल से ब्रेडा ने लीड ले ली थी। यहां से मैच अयैक्स वर्सेज ब्रेडा की जगह ज़्लाटन इब्राहिमोविच वर्सेज ब्रेडा हो गया। ज़्लाटन ने पहले तो 13वें मिनट में गोल किया फिर 41वें मिनट में विपक्षी प्लेयर माइक जोन्नेवेल्ड को को ओन गोल करने पर विवश किया। पहला हाफ खत्म होने तक अयैक्स 2-1 से आगे थी।

Swedish forward Zlatan Ibrahimovic of Aj

सेकेंड हाफ शुरू हुआ और मैच के 51वें मिनट में जॉनी ने इब्रा के असिस्ट पर गोल कर स्कोर 3-1 किया। फैंस अभी भी इब्रा से नाराज ही थे। मैच के 70वें मिनट में इब्रा पर हुए फाउल ने अयैक्स को फ्रीकिक दिलाई जिस पर उस साल के बेस्ट टैलेंट चुने गए अयैक्स के अकैडमी प्रोडक्ट यंगस्टर मिडफील्डर वेस्ले श्नाइडर ने गोल कर स्कोर 4-1 किया।

अब तक फैंस का ध्यान इब्रा से हटकर ब्रेडा पर जा चुका था। हालांकि अब भी रह रहकर मैदान 'फक यू ज़्लाटन' जैसे नारों से गूंज रहा था। फिर आया मैच का 76वां मिनट जिसने अयैक्स के साथ ही वर्ल्ड फुटबॉल फैंस को भी जिंदगी भर याद रखने वाला लम्हा दे दिया।

Swedish forward Zlatan Ibrahimovic of Aj

गोल से 30 यार्ड दूर जब ज्लाटन को बॉल मिली तो उनका फर्स्ट टच थोड़ा लूज था और उनके जस्ट पीछे विपक्षी डिफेंडर डेविड मेंडेस दा सिल्वा थे। ज्लाटन ने खुद को संभालते हुए पहले तो बॉल पर कब्जा जमाया फिर ब्रेडा के गोलकीपर समेत पूरे डिफेंस को ध्वस्त करते हुए वह गोल दागा जिसने पूरे एम्सटडर्म अरेना को अपनी सीट से उछाल दिया।

इतना ही नहीं, इस गोल ने अयैक्स के मैनेजर रोनाल्ड कोमैन को मानों पागल ही कर दिया। ज़्लाटन के शब्दों में, ' मेरे पीछे एक डिफेंडर था और हम एक-दूसरे को बॉल से दूर करने की कोशिश कर रहे थे। मैंने उससे पीछा छुड़ाया और फिर एक और डिफेंडर को चकमा दिया। यह बस शुरुआत थी। यह इंट्रोडक्शन था।'




On this day in 2004: Zlatan Ibrahimović scored what turned out to be his last Ajax goal and it was a majestic piece of individual brilliance

अपनी ऑटोबायोग्राफी 'I M Zlatan Ibrahimovic' में ज़्लाटन आगे बताते हैं, 'मैं एक फेक शॉट के साथ आगे बढ़ा और बॉक्स के और करीब पहुंचने के साथ ही एक और ट्रिक की। मैं शॉट लेने भर की जगह तलाश रहा था लेकिन एक के बाद एक डिफेंडर्स मेरे ऊपर आते ही जा रहे थे। मेरे इर्द-गिर्द कई खिलाड़ी थे और शायद मुझे बॉल पास कर देनी चाहिए थी लेकिन मुझे पासिंग चांस दिख ही नहीं रहा था।

फिर मैंने ड्रिबल करते हुए आगे बढ़ना जारी रखा और गोली को भी चकमा देते हुए गेंद को अपने बाएं पैर से खाली गोल में धकेल दिया। यह क्लासिक था। मैं ड्रिबल करते हुए एक पूरी टीम को पार कर गया था, और लगा जैसे स्टेडियम में धमाका हो गया हो। सब पागल हो गए। यहां तक कि कोमैन पागलों की तरह उछलने लगे।

वे यह भी भूल गए कि मैं उन्हें छोड़ने के लिए किस कदर बेकरार था। ऐसा लगा जैसे मेरे खिलाफ लोगों में भरी सारी घृणा प्यार और स्नेह में बदल गई हो।'

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इस गोल के 9 दिन बाद ज्लाटन ने युवेंटस जॉइन कर लिया लेकिन यह गोल अयैक्स और फुटबॉल दोनों के इतिहास में अमर हो गया।

म्यूनिख हादसे के 60 सालः 'शायद यह मौत हो, लेकिन मैं तैयार हूं'

अप्रैल 1955 में यूनियन ऑफ यूरोपियन फुटबॉल असोसिएशन (UEFA) ने UEFA से जुड़े देशों की फुटबॉल लीग के चैंपियन क्लब्स के लिए यूरोपियन कप के नाम से एक फुटबॉल कम्पटिशन शुरू कराया।

1955-56 सीजन से शुरू हुए इस कम्पटिशन में इंग्लिश क्लबों का भाग लेना इंग्लिश लीग फुटबॉल को चलाने वाली संस्था 'द फुटबॉल लीग' को पसंद नहीं आया और लीग के सेक्रेटरी एलन हार्डेकर ने उस सीजन के इंग्लिश लीग विनर्स चेल्सी को इस कम्पटिशन में खेलने की अनुमति नहीं दी।

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अगले सीजन यानि कि 1956-57 में इंग्लिश लीग का खिताब मैनचेस्टर यूनाइटेड ने जीता। क्लब के उस वक्त के मैनेजर सर मैट बस्बी ने क्लब के चेयरमैन हैरॉल्ड हार्डमैन और इंग्लैंड में फुटबॉल की गवर्निंग बॉडी 'द फुटबॉल असोसिएशन' के सेक्रेटरी स्टैनली रोज के साथ मिलकर काफी प्रयास कर 'द फुटबॉल लीग' को मना लिया और मैनचेस्टर यूनाइटेड यूरोपियन कप में खेलने वाला पहला इंग्लिश क्लब बना।

इस सीजन के सेमीफाइनल में रियल मैड्रिड से हारने के बाद मैनचेस्टर यूनाइटेड ने अगले सीजन फिर से इंग्लिश लीग का खिताब जीतकर 1957-58 सीजन के यूरोपियन कप में जगह बनाई। इंग्लिश लीग के मैच जहां वीकेंड पर होते थे वहीं यूरोपियन कप के मैच मिडवीक में खेले जाते थे और अगर यूनाइटेड को दोनों कम्पिटशन में खेलना था तो उसे उस दौर में बेहद रिस्की मानी जाने वाली हवाई यात्राएं करनी ही थीं।

A giant mural depicting the 1958 Manches

खैर, टीम यूरोपियन कप में उतरी और प्रिमिलनरी राउंड में शैमरॉक रोवर्स और फर्स्ट राउंड में डुकला प्राग को हराने के बाद टीम को क्वॉर्टरफाइनल में यूगोस्लाविया की रेड स्टार बेलेग्राद के खिलाफ खेलना था।

14 जनवरी 1958 को 'Busby's Babes' के नाम से मशहूर यंग और अकैडमी प्लेयर्स से बनी मैनचेस्टर यूनाइटेड की टीम ने ओल्ड ट्रैफर्ड में खेले गए यूरोपियन कप के क्वॉर्टर फाइनल के पहले लेग में रेड स्टार बेलेग्राद की टीम को 2-1 से हराया।

टीम को 5 फरवरी को होने वाले रिटर्न लेग के लिए यूगोस्लाविया जाना था। पिछले राउंड में प्राग से लौटते वक्त इंग्लैड के ऊपर छाई धुंध के चलते टीम मैनचेस्टर तक उड़कर नहीं आ पाई थी और उसे प्राग से एम्सटर्डम और फिर हूक ऑफ हॉलैंड से फेरी द्वारा हार्विच और फिर वहां से ट्रेन द्वारा मैनचेस्टर आना पड़ा था।

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इस लंबी यात्रा ने प्लेयर्स को बुरी तरह थका दिया और उन्हें डोमेस्टिक लीग में बर्मिंघम सिटी के खिलाफ 3-3 से ड्रॉ खेलना पड़ा। फुटबॉल लीग फिक्सचर मिस ना हों और प्लेयर्स को ऐसी असुविधा का सामना ना करना पड़े इसके लिए क्लब ने ब्रिटिश यूरोपियन एयरवेज का एक प्लेन चार्टर्ड किया।

5 फरवरी 1958 को टीम ने रेड स्टार के घर में मैच का दूसरा लेग खेला जो कि 3-3 से बराबरी पर छूटा और टोटल 5-4 से स्कोर से यह मैच जीत 'बस्बी के बच्चे' यूरोपियन कप के सेमीफाइनल में जगह बनाने की खुशी में डूब गए। 6 फरवरी 1958 को बेलेग्राद से उड़ान भरने वक्त टीम के राइट विंगर जॉनी बेरी का पासपोर्ट गुम होने के चलते प्लेन 1 घंटे की देरी से उड़ा।

प्लेन बेलेग्राद से उड़ा तो माहौल काफी खुशनुमा था। सारे प्लेयर्स और स्टाफ जहां अपनी जीत सेलिब्रेट करने में जुटे थे वहीं प्लेन में बैठे जर्नलिस्ट अपने-अपने अखबार के लिए स्टोरी/इंटरव्यू आईडिया पर विचार कर रहे थे। बेलेग्राद से उड़ी ब्रिटिश यूरोपियन एयरवेज की फ्लाइट नंबर 609 ने तात्कालीन वेस्ट जर्मनी के म्यूनिख में फ्यूल भरने के लिए स्टॉपेज लिया क्योंकि एलिजाबेथियन क्लास के एयरस्पीड अम्बेसडर विमान में बेलेग्राद से मैनचेस्टर तक नॉनस्टॉप उड़ने भर के ईंधन की कैपसिटी नहीं थी।

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प्लेन में कुल 44 लोग थे जिनमें स्क्वॉड, मैनेजर और बाकी स्टाफ के साथ ही कुछ जर्नलिस्ट्स भी मौजूद थे। जब प्लेन म्यूनिख में रुका तो मौसम काफी खराब था। जोरदार बर्फबारी के चलते रनवे का बुरा हाल था। प्लेन के पायलट्स कैप्टन जेम्स थैन और केनेथ रेमेंट ने टेक ऑफ की दो असफल कोशिशें कीं। विमान के बाएं इंजन में थोड़ी दिक्कत थी लेकिन अपने शेड्यूल से बहुत पीछे छूट जाने के डर से कैप्टन थैन टेक ऑफ के लिए हरसंभव कोशिश कर रहे थे।

कुछ लोगों ने रात म्यूनिख में बिताने को कहा जिससे सुबह मौसम थोड़ा सही हो तब आराम से निकला जाए। लेकिन कैप्टन थैन ने यह आइडिया रिजेक्ट कर दिया क्यों फ्लाइट वैसे भी शेड्यूल से लेट हो रही थी। प्लेयर्स का जाने का जरा भी मन नहीं था और भीषण बर्फबारी के चलते जब टेक-ऑफ का दूसरा प्रयास भी विफल रहा तो प्लेयर्स को विमान से उतारकर एयरपोर्ट लॉन्ज में भेज दिया गया।

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वहीं से यूनाइटेड के प्लेयर डंकन एडवर्ड्स ने मैनचेस्टर में अपनी मकान मालकिन को टेलिग्राम किया, 'सारी फ्लाइट्स कैंसल, कल उड़ान भरेंगे, डंकन'। कैप्टन थैन ने स्टेशन इंजीनियर बिल ब्लैक को इंजन की समस्या के बारे में बताया। ब्लैक ने जांच के बाद थैन से कहा कि समस्या दूर करने के लिए विमान को रात भर के लिए वहीं रोकना होगा।

कैप्टन थैन ने इंजीनियर की सलाह के बावजूद म्यूनिख के 2 किलोमीटर लंबे रनवे पर भरोसा करते हुए टेक-ऑफ के तीसरे प्रयास की तैयारी शुरू कर दी। रनवे का हाल बुरा था और भयानक बर्फबारी के चलते जहां रनवे खत्म हो रहा था उस एरिया में कीचड़ की एक मोटी परत जम गई थी लेकिन सेकंड वर्ल्ड वॉर के दौरान एयरफोर्स में काम कर चुके दोनों पायलट्स को खुद पर भरोसा था।

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प्लेयर्स को वापस बुलाया गया। टीम में कुछ ऐसे प्लेयर्स भी थे जिन्हें हवाई यात्रा का बेहद कम अनुभव था। ऐसे ही एक प्लेयर लियाम व्हेलन ने विमान में बैठते हुए कहा, 'शायद यह मौत हो, लेकिन मैं तैयार हूं।' टेकऑफ हुआ। विमान की स्पीड 217km/h पर पहंची। इस स्पीड पर पहुंचने के बाद टेक-ऑफ टाला नहीं जा सकता।

कैप्टन थैन ने कंट्रोल टॉवर को इत्तिला दी कि हम इस स्पीड पर हैं, लेकिन स्पीड अभी भी इतनी (220km/h) नहीं थी कि विमान टेक-ऑफ कर सके। थैन को उम्मीद थी कि स्पीड बढ़ेगी लेकिन एकाएक स्पीड कम होनी शुरू हो गई। 217km/h पर लड़खड़ाई स्पीड 207km/h और फिर 194km/h पर आई और रेमेंट के मुंह से निकला, 'क्राइस्ट, हमसे नहीं होगा।'

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उनके यह बोलने के साथ ही विमान कीचड़ पर फिसलते हुए किनारों पर लगी बाड़ को तोड़कर एक मकान से जा टकराया। इस टक्कर से विमान का बाया पंख टूटकर गिर गया। विमान का दायां हिस्सा एक लकड़ी के मकान से टकराया जिसमें तेल और टायर से भरा एक ट्रक खड़ा था जो टक्कर होते ही फट गया। 20 लोग तुरंत मर गए और 3 की बाद में अस्पताल में मौत हो गई।

टक्कर के बाद आग कॉकपिट के आसपास फैलने लगी और विमान में आग लगने की आशंका को देखकर कैप्टन थैन ने पहले अपने क्रू को भगाया और फिर जल्दी-जल्दी लोगों को बाहर निकालना शुरू किया। टीम के गोलकीपर हैरी ग्रेग की हालत खराब थी, वह धीरे-धीरे होश खो रहे थे।

Manchester City Representatives Commemorate Manchester United Victims Of 1958 Air Disaster In Munich

उन्हें लगा कि वह मर गए हैं। अपने चेहरे पर खून महसूस होने के बावजूद वह अपने हाथ उठाने की हिम्मत नहीं कर पा रहे थे। उन्हें लगा कि उनकी गर्दन से ऊपर का हिस्सा कटकर अलग हो चुका है। तभी उन्हें अपने ठीक ऊपर थोड़ी सी रौशनी दिखी और वह किसी तरह खुद को संभालकर विमान से बाहर निकले। बाद में उन्होंने टूटे एरिया में फंसे लोगों को निकालने में कैप्टन थैन की मदद की।

इस क्रैश में मरने वालों की लिस्ट कुछ इस तरह थी-
क्रू
कैप्टन केनेथ केन रेमेंट (तीन हफ्ते बाद ब्रेन डैमेज के चलते अस्पताल में मौत)
टॉम केबल (केबिन स्टीवार्ड)
प्लेयर्स
जिऑफ बेंट
रोजर बिर्ने
एडी कोलमैन
डंकन एडवर्ड्स (15 दिन बाद अस्पताल में मौत)
मार्क जोंस
डेविड पेग
टॉमी टेलर
लियाम 'बिली' व्हेलन
टीम स्टाफ
वाल्टर क्रिकमेर (क्लब सेक्रेटरी)
टॉम करी (ट्रेनर)
बर्ट व्हैली (चीफ कोच)
जर्नलिस्ट
अल्फ क्लार्क (मैनचेस्टर ईवनिंग क्रॉनिकल्स)
डैनी डेवीस (मैनचेस्टर गार्जियन)
जॉर्ज फॉलोव्स (डेली हेराल्ड)
टॉम जैकसन (मैनचेस्टर ईवनिंग न्यूज)
आर्ची लेडब्रूक (डेली मिरर)
हेनरी रोज (डेली एक्सप्रेस)
फ्रैंक स्विफ्ट (इंग्लैंड और मैनचेस्टर सिटी के पूर्व गोलकीपर और न्यूज ऑफ द वर्ल्ड के जर्नलिस्ट, अस्पताल ले जाते वक्त मौत)
एरिक थॉम्पसन (डेली मेल)
क्रैश में बचे लोग
क्रू
मार्गरेट बेलीस (स्टीवार्डेस)
रोजमेरी शेवर्टन (स्टीवार्डेस)
जॉर्ज रोजर्स (रेडियो ऑफिसर)
कैप्टन जेम्स थैन (पायलट, 1975 में मौत)
प्लेयर्स
जॉनी बेरी (फिर कभी नहीं खेल पाए)
जैकी ब्लैंकफ्लॉवर (फिर कभी नहीं खेल पाए)
सर बॉबी चार्लटन (मैनचेस्टर यूनाइटेड के लिए सबसे ज्यादा गोल करने वाले प्लेयर्स की लिस्ट में सेकंड)
बिल फॉक्स
हैरी ग्रेग
केनी मोर्गन्स
अल्बर्ट स्कैलॉन
डेनिस वॉइलेट
रे वुड
स्टाफ
सर मैट बस्बी (मैनेजर)
जर्नलिस्ट
टेड इलयार्ड (डेली मेल)
पीटर हॉवर्ड (डेली मेल, फोटोग्राफर)
फ्रैंक टेलर, (न्यूज क्रॉनिकल)

वेस्ट जर्मन एयरपोर्ट अथॉरिटी ने अपनी जांच में कैप्टन थैन को दोषी ठहराते हुए कहा कि उन्होंने उड़ान से पहले विमान के पंखों से बर्फ नहीं हटाई थी। हालांकि प्रत्यक्षदर्शियों का मानना था कि दुर्घटना रनवे पर फैले कीचड़ के चलते हुई थी। घटना के 10 साल बाद साल 1968 में कैप्टन थैन को दोषमुक्त करार दिया गया।

इस हादसे के वक्त मैनचेस्टर यूनाइटेड अपना लगातार तीसरा इंग्लिश लीग खिताब जीतने की कोशिशों में था। हादसे के वक्त टीम 14 मैच बाकी रहते लीग टेबल में पहले नंबर की टीम वॉल्वरहैम्पटन वांडरर्स से 6 पॉइंट पीछे थी।

लगातार दूसरी बार यूरोपियन कप के सेमीफाइनल में पहुंची वह टीम पिछले 11 मैचों से अपराजेय थी। इस हादसे ने ना सिर्फ उन्हें लीग टेबल में नौवें नंबर पर धकेल दिया बल्कि वह सेमीफाइनल में मिलान (ओल्ड ट्रैफर्ड पर 2-1 से जीतने के बाद अवे लेग में 4-0 से हार मिली) से हारकर यूरोपियन कप से बाहर हुए और इंग्लिश फुटबॉल इतिहास की सबसे महान जेनरेशन एक साथ खत्म हो गई।

सर मैट बस्बी दो महीने से ज्यादा वक्त तक हॉस्पिटल में रहे और डॉक्टर्स को उनके बचने का बिल्कुल भी भरोसा नहीं था इसीलिए हॉस्पिटल में ही इस दौरान दो बार उनकी अंतिम रस्में भी निभा दी गईं। हॉस्पिटल से डिस्चार्ज होने के बाद सर मैट का मन फुटबॉल से उचट गया और वह सब छोड़ स्विटजरलैंड निकल गए।

वहां उनकी बीवी जीन ने उनसे कहा, 'तुम्हें पता है मैट, अगर वे लोग होते तो यही चाहते कि तुम कन्टिन्यू करो।' इस वाक्य ने उन्हें वापस आने पर मजबूर किया और फिर सर मैट बस्बी ने यूनाइटेड के साथ ही 'Busby's Babes' को भी दोबारा से खड़ा किया जिसमें ​जॉर्ज बेस्ट और डेनिस लॉ जैसे लेजेंड्स शामिल थे।

Europe

10 साल बाद सर मैट बस्बी ने मैनचेस्टर यूनाइटेड को यूरोपियन चैंपियन बनाया। 29 मई 1968 को हुए फाइनल में टीम ने फाइनल में पुर्तगाली चैंपियन बेनफिका को 4-1 से हराकर हराकर यूरोपियन कप जीतने वाली पहली इंग्लिश टीम बनने का गौरव हासिल किया। इस टीम में म्यूनिख हादसे से बचे बस दो प्लेयर, सर बॉबी चार्लटन और बिल फॉक्स शामिल थे।

कल के अखबार में देखा कि इंडियन क्रिकेटर रविचंद्रन अश्विन ने इस हादसे के बाद यूनाइटेड की वापसी की तुलना चेन्नई सुपरकिंग्स के स्पॉट फिक्सिंग और सट्टेबाजी का प्रतिबंध काटने के बाद वापसी करने से की।


Guys please take the reporting with a pinch of salt with respect to the Munich tragedy and CSK. All I said was the break will make the ..

इंफॉर्मेशन टेक्नलॉजी में बी. टेक की डिग्री रखने वाले अश्विन से ऐसे बयान की उम्मीद किसी को नहीं थी। कहा जाता है कि अश्विन शुरू से ही पढ़ाई में बहुत तेज थे।


Fans turn up in numbers when the come back happens. Not required to blow it out of context.

माना जाता है कि पढ़ा-लिखा आदमी/ब्राइट स्टूडेंट तार्किक होता है लेकिन अश्विन ने अपने बयान पर माफी मांगने की जगह अपनी आलोचना करने वालों को बाद में आने को कहा।


Now all those who hate me, please get off my mentions, we will catch-up sometime later when I get misquoted again. Thanks🙏

​​अश्विन ने ट्वीट किया, 'अब जिन्हें मुझसे नफरत है, मुझे मेंशन ना करें, हम फिर मिलेंगे जब दोबारा मेरे किसी बयान का गलत अर्थ निकाला जाएगा।'

अश्विन की सफाई के हिसाब से वह कहना चाह रहे थे कि ब्रेक से वापसी करने वाली टीम्स का फैंस जोरदार स्वागत करते हैं। माराडोना को अपना फेवरेट फुटबॉलर और स्पैनिश नेशनल टीम को अपनी फेवरेट फुटबॉल टीम बताने वाले अश्विन शायद भूल गए कि यूनाइटेड ने कभी ब्रेक लिया ही नहीं था।

हादसे के तुरंत बाद उन्होंने शेफील्ड वेडनसडे को 3-0 से हराया था और लीग और यूरोपियन कप के बचे हुए मुकाबले भी खेले थे। उनकी तुलना करने जैसा कुछ नहीं था लेकिन कर ही दी तो माफी मांगने में कुछ चला नहीं जाता।

खैर, जब इंसानों को खुदा बनाया जाता है तो बनाने वालों की कदर कीड़े-मकोड़ों जैसी ही होती है। शुक्रिया अश्विन, अपना और हमारा दोनों का लेवल बताने के लिए।