Sunday 11 December 2016

'Baniya' our Heart, Our Saviour, Our Friend.

I was a media student by chance, living with 10 other guys in a PG in Lajpat Nagar (Delhi). I am not so talkative. I love to spend my time alone in total silence. Our PG owner has one more PG located in Amar colony, with 10-12 guys living in it. The PG I was living is located at a very good place with better amenities than another one. The Amar colony guys were facing water problems very often and forced to come here to get ready for college. Few of them were my friends & others are Post Graduation students in my institute.

One tall guy (more than six feet in height) with a cool smile & french cut shave was there. The guy named Dhruv was the 'leader' of that PG. Everyone was like 'Bhai ye problem Hai, Bhai Wo problem hai & he was always there to help others in every possible manner.' Everyone like him except me, because I m a bit shy & I don't like to talk to strangers. One day I was just waking up @ 9o'clock & found him sitting @ my bed. Actually, someone told him that I have some cigarettes. Everyone knows that I keep some stock always with me. He asked me with his famous smile, 'Bhai Cigarette Hai?' I really hate this situation when someone tries to talk to me when I am in between waking up & sleeping. I was angry but somehow managed to keep my calm and replied, yes I have. Then he said, 'Jala Na Bhai' I had given the cigarette to him & said- keep it. That was his first Introduction to Me. For me his first impression was, 'What the fuck, how can someone ask me for Cigarette when I am unknown to him ?'
Lajpat Nagar Nights

It took hardly few days for us to became friends. Our all bad habits, 'we both love playing cricket on the field & on the computer, we love to not to sleep in the night & we love to do silly pranks on everyone' played a huge role in our friendship. we became friends & renamed ourselves (Baniya & Pandey). He calls me Pandey & We (Prashant, Me & Liquid) call him Baniya. He moved with us in few months & choose the bed next to me. we spent lots of time together, inside PG, on the roads, Parks, Markets everywhere.


Baniya With Prashant (Lucknow Nawabs)
 We were sharing a bond for life. He was always there to help me in every condition. Baniya was always ready to tackle my every problem. Kabhi-Kabhi To Meko Gussa Aa Jata Tha Ki Sala Q Itna Ghusta Hai bey. I had some problems with my family from mid-2010 & moved to Delhi in 2011. We became friends in Late 2011 & after then he is with me in every good & bad condition.

I don't know about others but Baniya is like a true friend for me. sometimes I feel really lucky to have a friend like Baniya. We (I & Prashant) were talking about him on 8th December. after lots of senseless crap suddenly I told him, 'Yaar Humpe Aur Kuchh Hai Kya Batane Ko, Baniya Ke Siva?' then we laughed at ourselves & somewhere in my mind some thoughts flashed, 'Man, we are single, without Bank Balance, with every possible bad habit, not much friends, the registered Bad Boys'. We are the useless kind of guys without any Dream, future plans, someone to look after etc. Suddenly I realise- fuck them all, we have 'Baniya' our Heart, Our Saviour, Our Friend.

I have nothing in my life, No Girlfriends, No savings, No future plans, No one to share my problems with, No one to talk with but I have Baniya. 'Love You Baniya.'

Note- Our Stands For Me & Prashant.

Sunday 4 December 2016

फ्रेजर का कमाल और कमाल का बोर्नमथ!

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दुनिया की सबसे ज्यादा देखी जाने वाली फुटबॉल लीग इंग्लिश प्रीमियर लीग (EPL) सबसे टफ लीग मानी जाती है। सभी का मानना है कि जो कंपटीशन लेवल यहां होता है वह कहीं नहीं होता। इस बात को संडे को बोर्नमथ और लिवरपूल के बीच हुए मैच ने साबित भी कर दिया। मैच के 75वें मिनट तक 3-1 से पीछे चल रही बोर्नमथ ने 5 आखिरी के 17 मिनटों में तीन गोल कर मैच 4-3 से अपने नाम कर लिया। जर्मन मैनेजर यर्गन क्लॉप की लिवरपूल अभी लीग टेबल में तीसरे नंबर पर चल रही है जबकि बोर्नमथ का यह प्रीमियर लीग में पहला साल है।
लिवरपूल का दबदबा 
मैच का पहला हाफ पूरी तरह से लिवरपूल के नाम रहा। सैदियो माने, जॉर्डन हेंडरसन और डिवोग ओरिगी ने मिलकर पहले हाफ में बोर्नमथ को पूरी तरह से झकझोर दिया। इस हाफ में ओरिगी ने एक ओपन चांस भी मिस किया लेकिन फिर भी लिवरपूल ने इस हाफ में दो गोल कर 2-0 की लीड ले ली। मैच का पहला गोल 20वें मिनट में आया जब सैदियो माने ने एमरे चैन के पास को जाल में उलझाया। इस गोल के दो मिनट बाद ही लिवरपूल के इंग्लिश मिडफील्डर जॉर्डन हेंडरसन ने बेल्जियन फॉरवर्ड डिवोक ओरिगी के लिए लगभग हाफलाइन से शानदार थ्रोबॉल दी जिस पर ओरिगी ने गोलकीपर को छकाया और एक मुश्किल एंगल से गोल कर स्कोर 2-0 किया।
ऐसे पलटा मैच 
जहां सेकेंड हाफ में 2-0 की लीड के साथ मैदान पर आई लिवरपूल मैच जीतने को लेकर लगभग निश्चिंत थी। वहीं मैच के 53वें मिनट में सब्सिट्यूट आए रेयान फ्रेजर के दिमाग में कुछ अलग ही प्लान चल रहा था। मैच के 56वें मिनट में फ्रेजर बॉल के साथ लिवरपूल के बॉक्स में थे और विपक्षी मिडफील्डर जेम्स मिलनर ने एक गैरजरूरी चैलेंज कर उन्हें गिरा दिया। इस पर मिली पेनल्टी को कोलम विल्सन ने गोल में बदल स्कोर 2-1 किया और बोर्नमथ के फैन्स को थोड़ी सी उम्मीद दिखाई। हालांकि लिवरपूल ने अभी हार नहीं मानी थी और मैच के 64वें मिनट में माने ने एक जबरदस्त रन के बाद बॉल एमरे चैन की तरफ धकेली जिस पर उन्होंने झन्नाटेदार शॉट जमा स्कोर 3-1 कर दिया।
रेयान फ्रेजर

फैंटास्टिक फ्रेजर
डूब रहे बोर्नमथ के लिए फ्रेजर एक बार फिर संकटमोचक बन के आए और 76वें मिनट में बेनिक अफोबे के पास को खूबसूरत फिनिश के जरिए गोल में बदल स्कोर 3-2 किया। इस गोल के बाद भी फ्रेजर नहीं रुके और दो मिनट बाद ही उन्होंने स्टीवन कुक के लिए शानदार मौका बनाया जिस पर कुक ने गोल दाग स्कोर 3-3 कर दिया। मैच खत्म होने से 12 मिनट पहले आए इस गोल ने बोर्नमथ के घरेलू मैदान डीन कोर्ट का माहौल ही बदल दिया। अब लिवरपूल के प्लेयर्स की बॉडी लैंग्वेज बता रही थी कि वो हार मान चुके हैं। यहां से बोर्नमथ ने मैच पर अपना शिकंजा और मजबूत करना शुरू कर दिया। लगातार अटैक के बीच स्टॉपेज टाइम के रूप में मिले 5 मिनट ने बोर्नमथ को पूरे 3 पॉइंट दिला दिए। 90+3 मिनट में लॉन्ग रेंज से लिए स्टीवन कुक के शॉट को लिवरपूल के जर्मन गोलकीपर लोरिस कौरियस ने चेल्सी से लोन पर बोर्नमथ के लिए खेल रहे डच डिफेंडर नैथन एके के पैरों पर डाल दिया। इस पर लिया गया एके का पहला शॉट तो रुक गया लेकिन दूसरे प्रयास में उन्होंने गोल कर ही दिया। इस तरह फुटबॉल के अब तक के कुछ सबसे रोमांचक मैचों में से एक का अंत हुआ।

Saturday 3 December 2016

चेल्सी का जबरदस्त पलटवार, सिटी हुई चारों खाने चित


पेप गुआर्डियोला की मैनचेस्टर सिटी अपने घरेलू मैदान में चेल्सी को पछाड़कर प्रीमियर लीग टेबल में टॉप पोजिशन पर आने की उम्मीद के साथ इस सीजन के अपने 14वें मैच में उतरी थी। पहले हाफ के दौरान जिस तरीके से सिटी खेल रही थी उससे लगातार 7 मैचों से चला आ रहा चेल्सी की जीत का सिलसिला रुकता सा दिखा भी। लेकिन इटैलियन जीनियस मैनेजर एंटोनियो कोंटे की इस टीम ने सेकेंड हाफ के अपने खेल से दिखा दिया कि इस साल वो लोग अपना पिछला सीजन पूरी तरह से भुलाकर उतरे हैं। पहले हाफ में 1-0 से पिछड़ने के बाद चेल्सी ने सेकेंड हाफ में अपने खेल का लेवल जबरदस्त तरीके से उठाते हुए मैनचेस्टर सिटी को 3-1 से धो दिया।
चलिए देखते हैं इस मैच की प्रमुख बातें-

केहिल की गलतियांः इस मैच में चेल्सी के लिए सबसे खराब बात रही उनके सीनियर डिफेंडर गैरी केहिल का गेम। पहले तो केहिल ने पहला हाफ खत्म होने के कुछ सेकेंड पहले ओन गोल कर सिटी को लीड दिलाई। राइट विंग की तरफ से मैनचेस्टर सिटी के स्पैनिश मिडफील्डर हेसुस नवास के क्रॉस को क्लीयर करने के चक्कर में केहिल अपने ही गोल में मार बैठे। मानो इतने से भी उन्हें संतोष ना हुआ और सेकेंड हाफ के शुरुआती मिनटों में अपने सामने से जाती बॉल को आसानी से विपक्षी स्ट्राइकर सर्जियो अगुएरो को लेने दिया। हालांकि इस बॉल पर अगुएरो के लिए शॉट को उन्होंने स्लाइड करते हुए क्लीयर कर दिया। इनके अलावा भी उन्होंने इस मैच में कई गलतियां कीं।


सिटी की फिनिशिंगः मैनचेस्टर सिटी ने इस मैच में गोल करने के कई आसान मौके गंवाए। मैच के 57वें मिनट में सिटी के बेल्जियन मिडफील्डर केविन डि ब्रुएने एकदम ओपन गोल चूक गए। हेसुस नवास की दी हुई बॉल को उन्हें खाली गोल में उलझाना था लेकिन वह उसे बार पर मार बैठे। उनसे पहले 53वें मिनट में अगुएरो के शॉट को चेल्सी के गोलकीपर कोर्टवा ने बचाया था। इसी तरह 48वें मिनट में डि ब्रुएने ने बेल्जियन नेशनल टीम के अपने साथी कोर्टवा को आसान सी कैच प्रैक्टिस कराई थी। मैच के 61वें मिनट में भी अगुएरो चूके थे जबकि पहले हाफ में भी सिटी ने कई आसान मौके गंवाए।

चेल्सी के काउंटर अटैकः पहले हाफ में पिछड़ने के बाद चेल्सी ने सेकेंड हाफ में जबरदस्त वापसी की। ब्लूज की इस वापसी की अगुवाई एक बार फिर स्पैनिश स्ट्राइकर डिएगो कोस्टा ने की। कोस्टा ने 59वें मिनट में सेस फैब्रेगास की खूबसूरत लॉन्ग बॉल को रिसीव कर सिटी के अर्जेंटीनी डिफेंडर निकलस ओटामैंडी को छकाते हुए जगह बनाई और सिटी के चिलियन गोलकीपर क्लाउडियो ब्रावो बॉल को जाल में जाते देखते ही रह गए। कोस्टा के इस गोल ने चेल्सी में जो जोश भरा वह 69वें मिनट में उनके ब्राजीली मिडफील्डर विलियन ने दोगुना कर दिया। विलियन ने बेहतरीन काउंटर अटैक पर गोल कर स्कोर 2-1 किया। मैच के 89वें मिनट में बराबरी के गोल की तलाश में लगी सिटी की पूरी टीम चेल्सी की डी के आसपास इकट्ठा हो गई। इसी बीच डिफ्लेशन से बॉल चेल्सी के बेल्जियन मिडफील्डर ईडेन हजार्ड के पास पहुंची जिन्होंने बिजली की तेजी दिखाते हुए सिटी के गोल की तरफ दौड़ लगा दी। हजार्ड के इस काउंटर अटैक का सिटी के पास कोई जवाब नहीं था और ब्रावो के कुछ कर पाने से पहले स्कोर 3-1 हो चुका था।
मैन ऑफ द मैच बने कोस्टा

अति अटैक ने डुबोयाः सिटी की टीम इस मैच को जीतने के लिए इतनी उतावली थी कि लगातार अटैक कर रही थी। उनके प्लेयर अटैक करने के चक्कर में अपनी डी छोड़कर चेल्सी की डी में घुसे जा रहे थे। सिटी की इस भारी चूक का चेल्सी ने जमकर फायदा उठाया और काउंटर अटैक कर दो अहम गोल हासिल किए। मौजूदा फुटबॉल जगत के बेस्ट मैनेजर्स में से एक माने जाने वाले पेप गुआर्डियोला की सारी टैक्टिस इस मैच में धरी की धरी रह गई। उनके प्लेयर्स अटैक करने में इतने डूबे रहे कि भूल गए कि फुटबॉल में डिफेंस भी जरूरी होता है।


सिटी ने खोया आपाः मैच के स्टॉपेज (इंजरी) टाइम के दौरान अगुएरो बॉल लेकर आगे बढ़ रहे थे कि तभी चेल्सी के ब्राजीली डिफेंडर डेविड लुईज ने बेहतरीन टैकल के जरिए बॉल उनके कब्जे से निकाल ली। इससे झल्लाए अगुएरो ने लुईज के पैरों पर अपने बूट से इतनी करारी चोट दी जो लुईज का करियर खत्म कर सकती थी। अगुएरो के इस फाउल के बाद पिच का माहौल एकाएक गर्म हो गया। मैच में एक भी गोल ना कर पाए सिटी के प्लेयर चेल्सी के प्लेयर्स पर टूट पड़े। खासतौर से सिटी के ब्राजीली मिडफील्डर फर्नांडीनियो कुछ ज्यादा ही आक्रामक मूड में थे। उन्होंने बीच-बचाव कर रहे चेल्सी के स्पैनिश मिडफील्डर सेस फैब्रेगास को पहले धक्का दिया और फिर उन्हें गले से दबोच लिया। फैब्रेगास ने फर्नांडीनियो के इस व्यवहार पर कोई रिएक्शन ही नहीं दिया। सिटी के प्लेयर्स की इन हरकतों से गुस्साए मिची बत्शुई, विलियन, सेसार एज्प्लिक्वेटा समेत चेल्सी के कुछ खिलाड़ी भी उत्तेजित हो गए। दूसरी तरफ फर्नांडीनियो ने चेल्सी के मैनेजर कोंटे से भी उलझने की कोशिश की, उन्हें किसी तरह से हटाया गया। रेफरी ने अगुएरो और फर्नांडीनियो दोनों को रेड कार्ड दिखा मैच से बाहर किया।

Wednesday 2 November 2016

हिंदी में फुटबॉल कवर करने वाले महानुभावों, अब बस करो यार!

हिंदी में जब आप स्पोर्ट्स कवर करते हैं तो यहां इसकी अघोषित पहली शर्त यह मानी जाती है कि आपको तेंडुलकर के स्ट्रेट ड्राइव, कोहली के कवर ड्राइव और धोनी के हेलीकॉप्टर शॉट पर ललित निबंध लिखना आना ही चाहिए। मुझे नहीं आते ये ललित निबंध, लेकिन मुझे जो आता है वो अच्छे से आता है। मैं बहुत प्यार से फुटबॉल पर लिखता हूं, किसी दिन कोई गलती चली जाती है तो मैं सो नहीं पाता। मुझे लगता है कि मैंने कैसे, आखिरी कैसे उस गेम के बारे में गलत लिखा जिससे मैं प्यार करता हूं।

हालांकि साल 2013 तक मैं भी फुटबॉल को कोई खास पसंद नहीं करता था। हां एक बात है कि इस गेम के बारे में मैं अपने साथ के फुटबॉल ना पसंद करने वालों से थोड़ा ज्यादा जानता था। इसके पीछे शायद अखबार पढ़ने की मेरी आदत जिम्मेदार थी, जो मीडिया में आने के साथ ही हमेशा के लिए छूट गई। साल 2013 से फुटबॉल में थोड़ी रुचि आई तो अखबारों में खोज-खोजकर फुटबॉल पढ़ता। हिंदी में फुटबॉल की खबरें ना मिलने से काफी निराशा होती। इससे उबरने के लिए मैंने दुनिया की सबसे बोरिंग भाषा अंग्रेजी में छपने वाला द टाइम्स ऑफ इंडिया पढ़ना शुरू किया। मैं TOI सिर्फ दो कारणों से खरीदता था, पहला तो यह कि वो फुटबॉल को सही तरीके से कवर करते हैं और दूसरा कारण यह था कि उसमें पेज बहुत सारे होते हैं जो कई तरीके से यूजफुल हो सकते हैं।

पहली नौकरी टीवी मीडिया में की तो देखा कि टीवी पर वर्ल्ड कप के दौरान आधे घंटे का स्पेशल प्रोग्राम जा रहा है। अच्छा लगा कि चलो चार साल में एक बार ही सही कवर तो कर रहे हैं। फिर देखा कि प्रोग्राम प्रोड्यूसर्स को कोई इंट्रेस्ट नहीं है बस भेड़चाल के चलते बना दिया जा रहा है। कई बार भयानक ब्लंडर भी चल जाते थे क्योंकि किसी को पता ही नहीं होता था कि ये गलत है या सही। फिर वेब मीडिया में गया तो स्पेस का झंझट खत्म हुआ और मैंने फुटबॉल कवर करना शुरू किया। हालांकि कम ही लोग पढ़ते थे लेकिन मैं थोड़ा ज्यादा वक्त देकर फुटबॉल की खबरों को अलग से बनाता था। कई खबरें तो ऐसी भी रही जो इंडियन इंग्लिश मीडिया से भी पहले मैंने ब्रेक की। जैसे 2015 में मिरास्लोव क्लोस ने कहा था कि लाजियो के साथ आने वाला सीजन उनका प्रफेशनल फुटबॉलर के तौर पर आखिरी सीजन होगा। इसी वक्त बार्सिलोना के ब्राजीलियन राइट बैक दानी अलावेस ने तमाम चर्चाओं के बाद बार्सिलोना के साथ अपना कॉन्ट्रैक्ट एक साल के लिए आगे बढ़ाया था। ऐसी कई खबरें थीं जो अपने पुराने संस्थान के साथ इंडिया में सबसे पहले मैंने ब्रेक की। इसके जरिए मैं ये नहीं कह रहा कि मेरे सोर्स इतने बड़े हैं, मैं डेस्क जॉब करता था। लेकिन मैं तमाम कामों के बीच भी इंटरनैशनल मीडिया के जरिए इंटरनैशनल फुटबॉल में क्या चल रहा है इससे वाकिफ रहता था।


मेसुत ओज़िल

वहां तो खैर फुटबॉल की कवरेज मैंने की, जब तक मुझे जर्नलिस्टिक कामों से इतर के कामों में नहीं लगा दिया गया। फिर वहां से नौकरी छोड़कर मैं प्रिंट मीडिया में आया। प्रिंट में मेरी एंट्री सही वक्त पर हुई थी। यूरो 2016 चल रहा था आधे से ज्यादा पेज फुटबॉल की खबरों से भरा होता था। मेरे लिए तो ये ड्रीम जॉब थी। फिर यूरो खत्म हुआ और यहां से मुझे समझ आने लगा कि फुटबॉल हमेशा कवर क्यों नहीं की जा सकती। दरअसल प्रिंट की अपनी समस्याएं हैं, पेज सीमित होता है। क्रिकेट को ज्यादा जगह देनी ही है क्योंकि लोग वही पढ़ते हैं (ऐसा माना जाता है) । ले देकर 3-4 कॉलम मिल जाते हैं उसी में मैं अपना शौक पूरा कर लेता हूं। कई बार मुझे समझाया भी जा चुका है कि मैं खुद को फुटबॉल जर्नलिस्ट ना समझूं क्योंकि मुझे सब करना है। लेकिन मैं लोगों को कैसे समझाऊं कि मुझे कुछ समझने की जरूरत ही नहीं है। मैं फुटबॉल जर्नलिस्ट ही हूं। जैसे लोग मजबूरी में फुटबॉल पर लिख लेते हैं वैसी ही मजबूरी में मैं क्रिकेट पर भले ही लिख लेता हूं लेकिन मैं फुटबॉल जर्नलिस्ट ही हूं। वैसे भी इससे कोई खास फर्क नहीं पड़ता कि मैं क्या कवर कर रहा हूं। फर्क इस चीज से पड़ता है कि मैं उसे कितनी ईमानदारी से कर रहा हूं।

हिंदी मीडिया में फुटबॉल पढ़ने वालों को बेहतर पता होगा कि क्या को क्या लिखा जा रहा है। ये बहुत ही शर्मनाक स्थिति है लेकिन मजेदार बात यह है कि इस पर किसी को शर्म ही नहीं आ रही। अपना मजाक उड़ाए जाने पर भी लोग कूल हैं। उन्हें लगता है कि कपिल देव की 175 रन की इनिंग्स उन्हें याद है और यही बहुत है। बॉस, अब हो गया वो वाले दिन गए। माना क्रिकेट के चाहने वाले इस देश में बहुत हैं लेकिन सरजी बाकी गेम्स को इग्नोर करना तो बंद ही कर दो। मैं ये नहीं कहता कि आप फुटबॉल कवर ही करो। मत करो यार, कोई जबरदस्ती थोड़े ना है। लेकिन करो तो तरीके से करो। बास्टियन श्वांसटाइगर और एना इवानोविच की शादी की खबर के साथ मेसुत ओज़िल और उसकी गर्लफ्रेंड की फोटो मत लगाओ। रोनाल्डो द्वारा बार्सिलोना के लिए पांच गोल मत कराओ, मैनचेस्टर यूनाइटेड को प्रीमियर लीग के क्वॉर्टर फाइनल में मत पहुंचाओ। पेप गॉर्डियोला के पांच नाम मत लिखो। फुटबॉलर्स की गर्लफ्रेंड्स की हॉट फोटोज की गैलरी मत बनाओ। जो नहीं हो सकता मत करो सर, प्लीज। खुद को सर्वज्ञानी समझना छोड़ दो। सबको पता है कौन प्लेयर कहां, किस पोजिशन पर खेलता है। गोल करने वाला हर प्लेयर स्ट्राइकर नहीं होता ना ही हर अटैकर को आप स्ट्राइकर लिख सकते हैं। विंगर, विंगर ही रहेगा वो स्ट्राइकर नहीं हो सकता भले ही वो साक्षात रोनाल्डो ही क्यों ना हो। माफ कर दो सर, आपसे ना हो पाएगा। आप छोड़ दो, हम मैनेज कर लेंगे। मारका, मिरर, स्काईस्पोर्ट्स इंडिया में भी खुल जाते हैं। हम वहीं पढ़ लेंगे सर, आप प्लीज हिंदी में फुटबॉल कवर कर हम पर एहसान मत करो।

Tuesday 23 February 2016

UEFA चैंपियंस लीग: बार्सिलोना ने आर्सेनल को 2-0 से हराया, चेक के खिलाफ मेसी ने खोला खाता

बार्सिलोना की जीत के हीरो रहे मेसी

एमिरेट्स स्टेडियम में खेले गए चैंपियंस लीग अंतिम-16 के पहले लेग में बार्सिलोना ने आर्सेनल को 2-0 से हरा दिया. मैच के हीरो रहे स्टार फॉरवर्ड लियोनेल मेसी.
अपने घर में खेल रहे गनर्स ने मैच की शुरुआत जबरदस्त तरीके से की थी. आर्सेनल के फॉरवर्ड्स ने मैच की शुरुआत में बार्का के गोल पर दो-तीन अच्छे हमले किए. लेकिन बार्का के जेरार्ड पिके और जेवियर मस्करान्हो ने जबरदस्त डिफेंडिंग स्किल्स दिखाते हुए गनर्स को गोल नहीं करने दिया.
बार्सिलोना के युवा जर्मन गोलकीपर टेर स्टेगन ने भी अपने डिफेंडरों का साथ देते हुए अच्छे बचाव किए. पहले हाफ में आर्सेन वेंजर की टीम कुछ अच्छे हमलों के बावजूद स्कोर करने में कामयाब नहीं रहे. बार्सिलोना द्वारा ज्यादा टाइम तक गेंद को अपने कब्जे में रखने के बावजूद पहला हाफ 0-0 से बराबरी पर रहा.
दूसरे हाफ में बार्सिलोना की टीम ने अपना खेल जबरदस्त तरीके से बेहतर किया. उन्हें इसका फायदा भी मिला. मैच के 71वें मिनट में मिडफील्डर रैकिटिच ने लेफ्ट विंग पर नेमार को गेंद दी जिन्होंने आर्सेनल के डिफेंस के तितर-बितर होने का फायदा उठाते हुए गेंद के साथ लंबी दौड़ लगा दी.
नेमार के पीछे भागते आर्सेनल के डिफेंडरों ने मेसी को अनदेखा कर दिया. जिन्होंने राइट विंग से तेजी से आगे बढ़ते हुए सेंटर में आकर नेमार के खूबसूरत पास को थामा और अचकचाए चेक के ऊपर से गोल दाग दिया.
इस गोल के बाद दोनों टीमों ने लगातार एक-दूसरे के गोल पर हमले किए. मैच में बराबरी पाने के लिए लगातार कड़ी मेहनत कर रहे आर्सेनल की उम्मीदों पर 81वें मिनट में अंदर आए उनके ही मिडफील्डर मैथ्यू फ्लैमिनी ने पानी फेर दिया.
मैच के 83वें मिनट में मरटेसैकर के कमजोर पास को क्लीयर करने की कोशिश में फ्लैमिनी ने पेनाल्टी बॉक्स के अंदर मेसी पर फाउल कर दिया. मेसी ने फ्लैमिनी की इस भयानक गलती का पूरा फायदा उठाते हुए स्पॉटकिक को गोल के बॉटम लेफ्ट कॉर्नर से भीतर भेजते हुए अपनी टीम की बढ़त को 2-0 कर दिया.
अंत तक आर्सेनल बार्का के डिफेंस को भेदने में नाकाम रही और बार्सिलोना ने पहले लेग को 2-0 से अपने नाम कर लिया. मैच में बार्सिलोना का दबदबा पजेशन से लेकर शॉट्स तक में साफ दिखा.
फोटोज: फेसबुक से

बार्का ने जहां इस मैच में 66 फीसदी पजेशन के साथ ही 15 शॉट्स भी लिए वहीं गनर्स 34 फीसदी पजेशन और आठ शॉट ही ले पाए. मैच में दो गोल करने वाले लियोनेल मेसी ने इसी के साथ गोलकीपर पीटर चेक के खिलाफ गोल ना करने का अपना पिछला हिसाब भी चुकता कर लिया.